ज़रूरी नहीं कि जो लक्षण हर दूसरे व्यक्ति में दिखें, वो सामान्य भी हों। अक्सर हम शरीर के छोटे-छोटे संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, ये सोचकर कि "सबको होता है" या "कुछ दिन में ठीक हो जाएगा"। लेकिन कई बार यही आम लगने वाले लक्षण किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या की ओर इशारा करते हैं। अगर कोई तकलीफ़ बार-बार हो रही है, तो उसे हल्के में न लें। समय पर जांच और सही सलाह ही असली इलाज है। अपने शरीर की बात को समझें, उसे अनसुना न करें — सेहत सबसे बड़ी पूंजी है।