उम्र बढ़ने के साथ दवाइयों की संख्या भी बढ़ती है, खासकर जब बुज़ुर्गों को ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, कोलेस्ट्रॉल, दिल या जोड़ों से जुड़ी बीमारियों के लिए अलग‑अलग दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं? जब एक साथ बहुत सारी दवाइयाँ ली जाती हैं, जिसे polypharmacy कहा जाता है, तो इससे न सिर्फ़ साइड इफेक्ट्स बढ़ते हैं, बल्कि दवाइयों के बीच ख़तरनाक इंटरैक्शन का भी खतरा होता है। ज़्यादा दवाइयों के कुछ सामान्य नुकसान हो सकते हैं जैसे चक्कर आना, थकान महसूस होना, भूख कम लगना, याददाश्त और संतुलन पर असर पड़ना, जिससे गिरने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, किडनी और लिवर पर भी अनावश्यक दबाव पड़ सकता है। हमेशा अपनी दवाइयों की लिस्ट अपडेट रखें और हर डॉक्टर विज़िट पर उनसे सभी दवाओं की समीक्षा ज़रूर कराएँ। बिना परामर्श के खुद से कोई भी दवा शुरू, बंद या बदलने की गलती न करें। सही जानकारी और सतर्कता से न केवल इलाज बेहतर होता है, बल्कि अनावश्यक जोखिम भी टाले जा सकते हैं।