शतरंज सिर्फ एक खेल नहीं, दिमाग की जिम है! यह एकाग्रता बढ़ाता है, याददाश्त को मज़बूत करता है और सोचने-समझने की क्षमता को बेहतर बनाता है। रिसर्च बताते हैं कि हफ्ते में 2-3 बार सिर्फ 20 मिनट शतरंज खेलने से दिमाग़ी स्वास्थ्य बेहतर होता है और भविष्य में भूलने की समस्याओं (डिमेंशिया) का खतरा भी कम हो सकता है। शतरंज तनाव कम करने और मानसिक शांति पाने का भी एक बढ़िया तरीका है।