ध्वनि प्रदूषण सिर्फ कान नहीं, दिल को भी चोट पहुँचाता है!

KDAH

क्या आप जानते हैं? शहरों में लगातार ट्रैफिक का शोर, हॉर्न और लाउड म्यूज़िक सिर्फ कानों के लिए नहीं, आपके दिल और दिमाग के लिए भी खतरनाक है। ध्वनि प्रदूषण से होता है: – उच्च रक्तचाप (High BP) – नींद की कमी – एकाग्रता में कमी – स्ट्रेस हार्मोन (Cortisol) का स्तर बढ़ना – हार्ट अटैक का खतरा रोकथाम के आसान उपाय: * तेज आवाज़ों में ईयरप्लग का इस्तेमाल करें * घर में एक शांत कोना बनाएं (No TV, No mobile zone) * बिना ज़रूरत हॉर्न बजाने से बचें * तेज म्यूज़िक या लाउडस्पीकर का सीमित उपयोग करें * पौधे और पेड़ लगाएं – ये ध्वनि को अवशोषित करने में मदद करते हैं * बच्चों को भी ‘शोर कम, शांति ज़्यादा’ की आदत सिखाएं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने से पर्यावरण को कई तरह से लाभ होता है। जब शोर कम होता है, तो पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं की नैसर्गिक जीवनशैली सुरक्षित रहती है। हरियाली बढ़ाने से न केवल ध्वनि प्रदूषण घटता है, बल्कि वायु प्रदूषण में भी कमी आती है, जिससे वातावरण अधिक स्वच्छ और ताज़ा बनता है। शांत वातावरण मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और एकाग्रता में भी सहायता करता है, जो आधुनिक शहरी जीवन की बड़ी जरूरत बन चुकी है। कुल मिलाकर, ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने से न सिर्फ आपके स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि पूरे शहरी जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। #WorldEnvironmentDay #NoisePollution #HeartHealth #UrbanNoise #ReduceNoise